सावन-भादों मे बलमुआ हो चुबैये बंगला
सावन-भादों मे...!
दसे रुपैया मोरा ससुर के कमाई हो हो,
गहना गढ़एब की छाबायेब बंगला सावन-भादों मे...! ]
पांचे रुपैया मोरा भैन्सुर के कमाई हो हो,
चुनरी रंगायब की छाबायेब बंगला सावन-भादों मे...! दुइये रुपैया मोरा देवर के कमाई हो हो,
चोलिया सियायेब की छाबायेब बंगला सावन-भादों मे...!
एके रुपैया मोरा ननादोई के कमाई हो हो,
टिकुली मंगायेब की छाबायेब बंगला सावन-भादों मे...!
एके अठन्नी मोरा पिया के कमाई हो हो, खिलिया मंगाएब की छाबायेब बंगला सावन-भादों मे...!
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