आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

दो  में  से  क्या  तुम्हे  चाहिए कलम  या  कि  तलवार

मन  में  ऊँचे  भाव  कि तन  में  शक्ति  विजय  अपार

बंद  कक्ष  में  बैठ  लिखोगे ऊँचे  मीठे  गान

या  तलवार  पकड़  जीतोगे बाहर  जा  मैदान

कलम  देश  की  बड़ी  शक्ति  है भाव  जगाने  वाली

मन  ही  नहीं  विचारों  में  भी आग  लगाने  वाली

पैदा  करती  कलम  विचारों  के जलते  अंगारे

और  प्रज्वलित  प्राण  देश  क्या कभी  मरेगा  मारे

रामधारी सिंह दिनकर

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