भाषा वैभव
राष्ट्रभाषा हिंदी को समर्पित "अजीत" का एक प्रयास
आज का विचार
जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010
सफलता
जहाँ एकता और एकाग्रता के शक्ति है
वहा सफलता सहज प्राप्त होती है
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