राष्ट्रभाषा हिंदी को समर्पित "अजीत" का एक प्रयास
विनम्रता से हर आदमी के साथ पेश आये
उनसे भी जो आप के प्रति रुखापन रखते है
वो इस लिए की वो अछे नहीं है
बल्कि इस लिए की आप अछे है
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