आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

पुष्प की अभिलाषा कविता इस ब्लॉग पर उपलब्ध कराए

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