राष्ट्रभाषा हिंदी को समर्पित "अजीत" का एक प्रयास
जिंदगी जब तक रहेगी फुर्सत ना मिलेगी काम से !
कुछ तो समय ऐसा निकालो प्यार करो भगवान् से
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