आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

मंगलवार, 6 जून 2023

 पेट के लिए पहले जन्मभूमि छोड़ी 

उसी पेट ने अब कर्मभूमि छुड़ाई


पहले तो घर परिवार खेत खलिहान बेगाने लागे

अब उसी को अपनाने को भागे


समय चक्र तो यही है भैया


हाॅल माॅल हैं बंद

घर का खाना आया पसंद

                                अजीत कुमार झा

घर जाने की आस लगाए

बैठे हैं कर्मयोगी 

तुच्छ राजनीति की चक्की में

पिस कर हो गये ये वियोगी।


धूप में नंगे पांव चलते

प्रवासी मजदूरों का रैला 

बाहर गर्मी का प्रकोप 

भीतर धधकती क्षुधा की ज्वाला।


कहते है नौनिहालों को 

जो भारत का भविष्य 

टीवी चैनलों के कमरों में बैठ कर

डिबेट द्वारा तय करते वो देश की तकदीर।


संविधान के विभिन्न पहलुओं  का

क्यों न फिर से हो निरीक्षण 

संघ राज्य व समवर्ती सूचियों का

एक बार फिर से हो परीक्षण ।


रेल की तरह सड़क परिवहन भी हो अब

संघ सरकार के संग

साथ ही इसके शिक्षा स्वास्थ्य भी हो

भारत सरकार का ही अंग।


प्रदेशों की कलुषित राजनीति का दर्द झेलती जनता

माखौल उड़ाते आरोप प्रत्यारोप कर एसी में बैठें नेता। 

                                                                अजीत कुमार झा 

   

जादी के महोत्सव का हमको है ज्ञान 

वसुधैव कुटुंबकम् का भारतीय  मंत्र सबका करें कल्याण । ।


वीर भोग्या वसुंधरा भारत माता का यह पर्व महान

तिनके तिनके का भी होता है भारत भूमि पर सम्मान। ।

गाँधी तिलक गोखले भारत माता के लाल

आजादी के ये दीवाने  न्योछावर कर दिए अपना मस्तक भाल।।


आजाद सुभाष बिस्मिल से सुशोभित यह धरती हमारी 

भगत सिंह  सुखदेव और राजगुरु अंग्रेजों पर हो गये हावी।।


अंग्रेजों की कुण्ठा पर राष्ट्रभक्तों की जीजिविषा पर गई भारी

यायावर हो आक्रांता भागे छोड़ देश हमारी।।


१५ अगस्त केवल उत्सव नहीं,  कर्तव्यों का है विधान

स्वच्छ स्वस्थ्य समृद्ध भारत का करता है आह्वान 


सामाजिक समरसता का रखना है हमें ध्यान 

हम सबको मिलकर करना है श्रेष्ठ भारत निर्माण। ।


अजीत कुमार झा 

 

विदेशी वस्तुओं का करें बहिष्कार 

स्वदेशी बनायें और अपनायें

आत्मनिर्भर भारत का हो आगाज।


तिनका तिनका जोड़ कर अपना घर हैं बनाना

विदेशी अमरबेलों से नहीं है इसे सजाना।

वर्षों से पल्लवित माँ भारती के संपदा को है बचाना

आत्मनिर्भर बन हम सबकों भारत का मान हैं बढ़ाना।

                                                                                            अजीत कुमार झा