सुविचार
रंगों की उमंग खुशी तभी देती है जब उसमें उज्जवल विचारों की अबरक़ चमचमा रही हो।
चंद्रमा, हिमालय पर्वत, केले के वृक्ष और चंदन शीतल माने गए हैं, पर इनमें से कुछ भी इतना शीतल नहीं जितना मनुष्य का तृष्णा रहित चित्त।
किताबें समय के महासागर में जलदीप की तरह रास्ता दिखाती हैं।
बेहतर ज़िंदगी का रास्ता बेहतर किताबों से होकर जाता है।
बिखरना विनाश का पथ है तो सिमटना निर्माण का।
समझौता एक अच्छा छाता भले बन सकता है, लेकिन अच्छी छत नहीं।
फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है।
प्रकृति, समय और धैर्य ये तीन हर दर्द की दवा हैं।
रंग में वह जादू है जो रंगने वाले, भीगने वाले और देखने वाले तीनों के मन को विभोर कर देता है।