आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

सोमवार, 1 मार्च 2010

सादे रंग को गलती से आप ना कोरा समझो,

इसी में समाये इन्द्रधनुषी सातों रंग,

जो दिखे आपको ज़िन्दगी सादगी भरी किसी की,

तो आप यूँ समझो सतरंगी है दुनिया उसीकी,

होली आई सतरंगी रंगों की बौछार लायी,

ढेर सारी  मिठाई और मीठा मीठा प्यार लायी,

आप की ज़िन्दगी हो मीठे प्यार और खुशियों से भरी,

जिसमे समाये सातों रंग यही शुभकामना है हमारी

अजीत

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