आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

मोम का उत्तर

जलती हुई बत्ती ने एक दिन मोम से पूछा कि एक बात बताओ - जल तो मै रही हूँ, तुम क्यों पिघल रहे हो तो मोम ने जबाब दिया कि जिसे मैंने अपने आप में बसा रखा है उसे जलते देख कार दुःख तो होगा ही |

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