आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

चिंता मिटाने की अचूक औषधि 
    चिंतन करे 

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