आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

गुरुवार, 14 सितंबर 2017

गर्व से कहे  कि हम हिन्दी हैं और यह भाषा भारत माँ की बिन्दी है।

शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

रूप होने पर कुरूपता का भय 
धन होने पर गरीबी का भय
गुण होने पर दोष का भय
ज्ञान होने पर अज्ञान का भय
पाकर खोने का भय
जिसके पास कुछ नहीं है उसे किस बात का भय
इस जीवन रुपी नैया को खेते हुए एक दिन भगवन के घर चला जाना है / मनुष्य का अंतिम स्थान तो उसी के पास है. 
अजीत झा

मोम का उत्तर

जलती हुई बत्ती ने एक दिन मोम से पूछा कि एक बात बताओ - जल तो मै रही हूँ, तुम क्यों पिघल रहे हो तो मोम ने जबाब दिया कि जिसे मैंने अपने आप में बसा रखा है उसे जलते देख कार दुःख तो होगा ही |