आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

गुरुवार, 14 सितंबर 2017

गर्व से कहे  कि हम हिन्दी हैं और यह भाषा भारत माँ की बिन्दी है।