आज का विचार

जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमे रसधार नहीं वो ह्रदय नहीं वह पत्थर है, जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं

सोमवार, 12 मार्च 2012

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 
अधर धर मुरली बजैया की
आरती कृष्ण  कन्हैया की
श्याम तुम मथुरा जन्म लियो
गोकुल में मंगलाचार कियो
आरती कृष्ण  कन्हैया की | अधर धर.......
श्याम तुम यशोदा के छलिया 
श्याम बलिदाऊ के भईया
वन वन गाय चरैया की
आरती कृष्ण  कन्हैया की | अधर धर.......
श्याम तुम कंसासुर  मारो 
भूमि को भार उतार डारो
 कालिया नाग नथैया की
आरती कृष्ण  कन्हैया की | अधर धर.......
श्याम तुम अर्जुन के प्यारे 
श्याम भक्तो के रखवारे
छमाछम रास रचैया की
आरती कृष्ण  कन्हैया की | अधर धर.......
आरती गाते गीतानंद की मन को  होता बड़ा आनंद
द्रौपदी लाज बचैया की 
द्रौपदी चीर बढ़ैया की
आरती कृष्ण  कन्हैया की | अधर धर.......

गोविन्द मेरो हैं  गोपाल मेरो हैं 
श्री बांके बिहारी नन्दलाल मेरो हैं ।